लखनऊ, 20 अक्टूबर 2024: प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित वास्तुकला एवं योजना संकाय,डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के टैगोर मार्ग परिसर में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से हो रहे आठ दिवसीय समकालीन मूर्तिकला शिविर के सातवें दिन सभी समकालीन मूर्तिकारों ने अपने अपने मूर्तिशिल्प को अंतिम रूप देकर शिविर को पूर्ण किया। प्रकृति विषय पर सभी कलाकार अपने भावनाओं को बखूबी पत्थर को तराश कर सुंदर सुंदर समकालीन मूर्तिशिल्प सृजित किया है।
शैल-उत्सव मूर्ति कला शिविर एक विशेस प्रकार का कला शिविर रहा इसमे कलाकारों को पूरी आजादी थी अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत करने की और इसी प्रकार मैने भी अपनी मोर्ति को एक आयाम दिया जिसमे मैने वास्तुकला को अपने काम के साथ जोडने का प्रयास कर मानचित्र का उपयोग किया चूंकि यह शिविर वास्तुकला संकाय मे हुआ तो मैने इसी वास्तुकला संकाय का मानचित्र अपने मोर्ति मे इस्तेमाल किया जो स्टील होने की वजह से मेरे मोर्ति को आकर्सक बानता है और मेरे काम मे रेखाओं की अधिक्ता हमेशा से रही है तो कहीँ ना कहीँ मानचित्र मे रेखाओं की अनुभूति होती है इसलिये भी हो सकता है मैने संकाय का मानचित्र अपने मूर्ति मे लगाने का सोचा ।