लखनऊ: "शैल-उत्सव" अखिल भारतीय मूर्तिकला शिविर एक अवसर था, जहां हम न केवल भारतीय कला की समृद्ध विरासत को पुनः महसूस किए, बल्कि समकालीन मूर्तिकला के नए आयामों से भी परिचित हुए। यह उत्सव विशेष रूप से पत्थर की कला को समर्पित था, जो अपने रूप और आकार में इतना सुंदर और दार्शनिक रहा कि हर किसी को अपनी ओर आकर्षित किया और करता भी रहेगा।
इस शिविर का उद्देश्य पारंपरिक और समकालीन मूर्तिकला के बीच एक पुल बनाने का था, ताकि लोग इन दोनों रूपों को आसानी से समझ सकें और अपनी कला और संस्कृति के पहचान से भी जुड़ सकें। यह आयोजन सिर्फ कला प्रेमियों के लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए था जो कला की दुनिया में एक नई दृष्टि और विचार देखना चाहते हैं।
इस शिविर में देश के नई दिल्ली,बिहार, उत्तर प्रदेश और गुजरात से आए 10 प्रमुख समकालीन युवा मूर्तिकारों ने अपनी कल्पना और विचारों के साथ अमूल्य कृतियाँ सृजित कीं। इन कलाकारों ने अपनी सृजनात्मकता को पत्थर के माध्यम से जीवित किया, जो न केवल कलात्मक दृष्टिकोण से अद्वितीय है, बल्कि हर मूर्ति में गहरे विचार और संदेश भी हैं। यह मूर्तियाँ लखनऊ के सुंदरीकरण को ध्यान में रखते हुए नगर प्रमुख स्थलों पर प्रदर्शित की गईं हैं, जिससे शहर का सौंदर्यीकरण भी हुआ और कला प्रेमियों को एक प्रमुख आकर्षण केंद्र भी मिला।
"शैल-उत्सव" के माध्यम से लखनऊ में बनी मूर्तियाँ न केवल कला का आदान-प्रदान कर रही हैं, बल्कि वे शहर के सौंदर्य में भी वृद्धि कर रही हैं। यह आयोजन लखनऊ विकास प्राधिकरण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने के साथ-साथ उसे आधुनिक दृष्टिकोण से पुनः स्थापित भी करना चाहता है। "शैल-उत्सव" प्रदेश की राजधानी लखनऊ को एक ऐसे सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करता है, जो न केवल हमारे समृद्ध अतीत को संजोता है, बल्कि भविष्य में भी कला और संस्कृति के महत्व को बढ़ावा देने के लिए तत्पर रहेगा। इस शैल उत्सव के महा अयोजन को कर वास्तुकला एवं योजना संकाय, डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने बड़ा ही सराहनीय कार्य किया है। हम आगे भी और लखनऊ विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर ऐसे कलात्मक आयोजनों का समर्थन करते रहेंगे, ताकि लखनऊ का सांस्कृतिक परिदृश्य और भी समृद्ध हो। इस अयोजन में सभी प्रतिभागी कलाकारो, लखनऊ विकास प्राधिकरण, वस्तुकला एवं योजना संकाय के आयोजक सक्रिय टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं।
डिविज़नल कमिश्नर, लखनऊ