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“शैल-उत्सव”– अखिल भारतीय मूर्तिकला शिविर

लखनऊ विकास प्राधिकरण और वास्तुकला एवं योजना संकाय के संयुक्त तत्वावधान में


"शैल-उत्सव " राष्ट्रीय मूर्तिकला शिविर, यानि पत्थर की बनी कला का उत्सव। जिसका उद्देश्य मूर्तिकला की पारंपरिक एवं समकालीन कला को आमजन के करीब लाना है। शिविर में बनाई गई मूर्तिकला को लखनऊ के महत्वपूर्ण स्थान पर प्रदर्शित किये गए हैं। जैसे "स्कल्पचर पार्क" की परिकल्पना है। और जनता के अवलोकन के लिए। इस प्रकार की परिकल्पनाओं से देश और विदेशों में अनेकों कलात्मक स्थान बनाए गए हैं। यह शिविर लखनऊ के सौंदर्यीकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है साथ ही कला के प्रेमियों के लिए भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र भी बनी। क्योंकि इस शिविर में समकालीन मूर्तिकला से जुड़े देश व प्रदेश के 10 युवा मूर्तिकारों ने भाग लिया। जिसमें देश के पांच राज्यों ( नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और गुजरात) से 10 समकालीन मूर्तिकार (पुरुष और महिला) मूर्तिकार गिरीश पांडेय - लखनऊ, उत्तर प्रदेश, पंकज कुमार - पटना, बिहार, शैलेष मोहन ओझा - नई दिल्ली, राजेश कुमार - नई दिल्ली, सन्तो कुमार चौबे - नई दिल्ली, अजय कुमार - लखनऊ, उत्तर प्रदेश, अवधेश कुमार - लखनऊ, उत्तर प्रदेश, मुकेश वर्मा - लखनऊ, उत्तर प्रदेश, अवनी पटेल - सूरत, गुजरात, निधी सभाया - अहमदाबाद, गुजरात और 6 कार्वर (सहयोगी कलाकार) राजस्थान से शामिल हुए । शिविर में बनने वाले सभी कला कृतियाँ नई और कलाकारों के अपने विचारों का सृजनात्मक रूप है और कलाकार अपने विचारों को पत्थर के जरिये मूर्त रूप प्रदान किया गया है। यह पहल शहर के विकास हेतु अत्यंत सराहनीय व दूरगामी सिध्द होगी। भारत के साथ प्रदेश में भी मूर्तिकला परंपरा को बनाए रखने और समकालीन कला में नए मुहावरों को गढ़ने का यह सफलतम प्रयास किया गया है। इस कलात्मक शिविर आयोजन करने का उद्देश्य था कि प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के कलाकारों को एक साथ लाना था ताकि उनके विचारों, और संवाद का आदान-प्रदान हो सके साथ ही शहर के लोगों को इसका लाभ उठाने का सक्रिय अवसर प्रदान कर सके।


डॉ वंदना सहगल

क्यूरेटर

dean.foa@aktu.ac.in

FOAP- AKTU